खिलाफते राशिदा सानी (IInd) पर 100 सवाल (43-44)

➡ सवाल नं. (43): क्या खिलाफत में औरत और मर्द को एक साथ काम करने की ईजाज़त होगी? 












✔ हाँ, औरत और मर्द को इस्लाम ने कारोबार के मक़सद के लिए एक दूसरे के साथ काम करने की ईजाज़त दी हैं। जैसे कि एक औरत व्यापार करती हैं या कोई माल बनाती हैं या वो फैक्ट्री की मालिक हैं, तो मर्द उससे मिल सकते हैं, बातचीत कर सकते हैं और उससे माल खरीद सकते हैं।

➡ सवाल नं. (44): क्या खिलाफत में औरतों को मज़बूर किया जायेगा कि वो अपने जिस्म को कवर (ढके) करे?

✔ खिलाफत सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर लोगों को मज़बूर करेगी जो कि इस्लामी नस (शरीअत) में क़तई हैं। क़ुरआन और हदीस में यह हुक्म आया हैं कि एक औरत को सार्वजनिक ज़िन्दगी में अपने पूरे जिस्म को क़वर करना हैं सिवाए उसके चेहरे और हाथों के।

✅ इसके अलावा वह अपना चेहरा और हाथ भी ढक सकती हैं लेकिन ये उनका निजी मामला हैं, क्योंकि यह इज़्तिहादी मामला हैं, इसमें दोनों तरह की राय पाई जाती हैं।
✅ जो अपना चेहरा और हाथ पूरा ढकना चाहे तो पूरा ढँक ले, और अगर कोई अपना चेहरा और हाथ पूरा ढकना न चाहे तो उन्हें भी नही रोका जायेगा।
Share on Google Plus

About Khilafat.Hindi

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments :

इस्लामी सियासत

इस्लामी सियासत
इस्लामी एक मब्दा (ideology) है जिस से एक निज़ाम फूटता है. सियासत इस्लाम का नागुज़ीर हिस्सा है.

मदनी रियासत और सीरते पाक

मदनी रियासत और सीरते पाक
अल्लाह के रसूल (صلى الله عليه وسلم) की मदीने की जानिब हिजरत का मक़सद पहली इस्लामी रियासत का क़याम था जिसके तहत इस्लाम का जामे और हमागीर निफाज़ मुमकिन हो सका.

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास
इस्लाम एक मुकम्म जीवन व्यवस्था है जो ज़िंदगी के सम्पूर्ण क्षेत्र को अपने अंदर समाये हुए है. इस्लामी रियासत का 1350 साल का इतिहास इस बात का साक्षी है. इस्लामी रियासत की गैर-मौजूदगी मे भी मुसलमान अपना सब कुछ क़ुर्बान करके भी इस्लामी तहज़ीब के मामले मे समझौता नही करना चाहते. यह इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी की खुली हुई निशानी है.